Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi – 2023

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi विश्वसनीय भक्ति और पूजन की एक महत्वपूर्ण रस्म है, जिसे लोग उनके प्रति अपने विशेष समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक मानते हैं। यह आरती उनके वीरता और शक्ति का परिचय कराती है, जिनसे वे देवों के महान सेवक माने जाते हैं।

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

हनुमान जी: महाकाय, बलबुद्धिविद्या देहुम

हनुमान जी को ‘महाकाय’ के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है – अत्यंत बड़े शरीर वाले। उनके बल और बुद्धि के प्रतीक ‘बलबुद्धिविद्या देहुम’ है, जिनसे वे देवी विद्या के प्रतिनिधि माने जाते हैं। यहां, हम आपको हनुमान जी की आरती के शब्द प्रस्तुत कर रहे हैं:

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi आरती की शुरुआत:

आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥

जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई।
सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥

दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए॥

लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥

लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज सवारे॥

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि संजीवन प्राण उबारे॥

पैठि पाताल तोरि जम-कारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥

बाएं भुजा असुरदल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे॥

सुर नर मुनि आरती उतारें।
जय जय जय हनुमान उचारें॥

कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥

जो हनुमानजी की आरती गावे।
बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa


दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

महावीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन वरन विराज सुवेसा।
कानन कुण्डल कुंचित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
काँधे मूँज जनेऊ साजै।
शंकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग वन्दन।।

विद्यावान गुणी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi



सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा।
नारद सारद सहित अहीसा।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।
लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
जुग सहस्र योजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना।।

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।

चारों युग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।

तुम्हरे भजन राम को भावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्त काल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहिं बंदि महा सुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।

दोहा 
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

आरती के उद्देश्य

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi का मुख्य उद्देश्य उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति को प्रकट करना है। यह आरती उनके शक्तिशाली और दयालु स्वरूप का परिचय देती है जिन्होंने अपनी शक्तियों का उपयोग धरती माता की सेवा में किया। हनुमान जी के इस आदर्श उदाहरण के माध्यम से लोग आदर्श जीवन और सेवा की महत्वपूर्णता को समझते हैं।

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi का महत्व

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi का महत्वपूर्ण स्थान हिन्दू धर्म में है। यह आरती उनके वीरता, शक्ति और आदर्श सेवाभाव को प्रकट करती है जो उन्होंने लंकापति रावण के विनाश और प्रभु श्रीराम की सेवा में दिखाए। यह आरती भक्तों को प्रेरित करती है कि वे भी सच्चे मानवता के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करें और सेवा का मार्ग अपनाएं।

आरती के फायदे

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi का पाठ करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह आरती विचारशीलता, ध्यान और समर्पण की भावना को वर्धने में मदद करती है और उसकी आत्मा को शुद्धि प्रदान करती है। हनुमान जी की आरती का नियमित पाठकरने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और व्यक्ति जीवन में सफलता पाने के लिए प्रेरित होता है।

Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

समापन

इस आरती के माध्यम से हम हनुमान जी के महत्वपूर्ण गुणों का सराहना करते हैं और उनके आदर्शों का अनुसरण करने का संकेत प्राप्त करते हैं। इस आरती के पाठ से हम आत्मा को पवित्रता की दिशा में अग्रसर करते हैं और समाज में सच्चे मानवता की महत्वपूर्णता को समझते हैं।

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