हनुमान जी के कितने पुत्र थे, हनुमान जी, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण देवता में से एक हैं जिन्हें वानर देवताओं का राजा माना जाता है। हनुमान जी के बारे में बहुत सारी कथाएँ और महत्वपूर्ण जानकारी हमें मिलती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि हनुमान जी के कितने पुत्र थे? इस लेख में हम आपको इस रहस्यमयी प्रश्न का उत्तर देंगे और हनुमान जी के पुत्रों की महत्वपूर्ण कथाएँ प्रस्तुत करेंगे।
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हनुमान जी के कितने पुत्र थे
हनुमान जी के द्वारा माता सीता की खोज के दौरान उन्होंने उनके पुत्रों की रक्षा की थी। हनुमान जी के पुत्रों के नाम आङ्गद, महाबली, गदा, सुषेण, जम्बवंत, धूतकर्ण, सुमन्त्र, हनुमानी हैं। इन पुत्रों की विभिन्न कथाएँ वेद-पुराणों में मिलती हैं और यह आपके ज्ञान को वृद्धि कर सकती हैं।
आङ्गद
आङ्गद हनुमान जी के सबसे प्रिय पुत्र थे। उन्हें बचपन से ही भक्तिभाव से शिक्षा दी गई थी और उन्होंने भगवान राम की सेवा की थी। आङ्गद का योगदान रामायण महाकाव्य में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
महाबली
महाबली थे हनुमान जी के अन्य एक पुत्र, जिन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की सेवा की थी। उन्हें वीरता के रूप में जाना जाता है और उनके शौर्य की कई कथाएँ मिलती हैं।
गदा
गदा भी हनुमान जी के पुत्रों में से एक थे, जो भगवान श्रीकृष्ण के सेवक थे। उनका योगदान महाभारत महाकाव्य में महत्वपूर्ण रहा है।
सुषेण
सुषेण, जिन्हें हनुमान जी का चारणी धाम कहा जाता है, भी हनुमान जी के पुत्र थे। उनकी चारणी में भक्तों का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है।
जम्बवंत
जम्बवंत भी हनुमान जी के पुत्र माने जाते हैं, जिन्होंने सुग्रीव की सेवा की थी और राम के साथ लंका युद्ध में भाग लिया था।
धूतकर्ण
धूतकर्ण भी हनुमान जी के पुत्रों में से एक थे, जो कीचक राजा के द्वारपाल के रूप में जाने जाते हैं।
सुमन्त्र
सुमन्त्र भी हनुमान जी के पुत्रों में से एक हैं, जो कीचक राजा के द्वारपाल थे और उन्होंने भगवान श्रीराम की सेवा की थी।
हनुमानी
हनुमानी को भी हनुमान जी के पुत्र माना जाता है, जो उनके प्रिय शिष्य और सेवक थे।
संक्षिप्त में
हनुमान जी के पुत्रों की कथाएँ हमें यह सिखाती हैं कि भगवान की सेवा और भक्ति का महत्व अत्यधिक है। ये पुत्र अपने पिता की आदर्शों का पालन करते थे और उनके धर्म मार्ग पर चलते थे।
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